आकाश मिसाइल सिस्टम भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित एक स्वदेशी सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM) है। इसे दुश्मन के विमानों, ड्रोन, हेलीकॉप्टरों और क्रूज मिसाइलों को रोककर और नष्ट करके देश के हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
आकाश का अर्थ संस्कृत में “आकाश” है, जो आसमान की रक्षा करने में इसकी भूमिका का प्रतीक है।
विकास का इतिहास –
1980 के दशक में डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वारा शुरू किए गए एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (IGMDP) के तहत विकसित किया गया।
1990 में पहली बार परीक्षण किया गया।
2010 के दशक में भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना में सफलतापूर्वक शामिल किया गया।
भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) द्वारा उत्पादन संभाला गया।
तकनीकी जानकरी –
- मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल
- रेंज आकाश-1: 25–30 किमी
- आकाश-एनजी: ~70 किमी
- गति सुपरसोनिक (मैक 2.5 तक)
- वारहेड उच्च विस्फोटक (~60 किग्रा)
- मार्गदर्शन प्रणाली रडार कमांड मार्गदर्शन (आकाश-1), सक्रिय रडार साधक (आकाश-एनजी)
- लॉन्च प्लेटफ़ॉर्म मोबाइल लॉन्चर (ट्रक पर लगे)
- लक्ष्य प्रकार विमान, ड्रोन, हेलीकॉप्टर, क्रूज मिसाइलें
- रडार प्रणाली राजेंद्र रडार (बहुक्रियाशील निगरानी और ट्रैकिंग)
आकाश मिसाइल प्रणाली के घटक –
- ट्रक पर लगा हुआ, एक बार में 3 मिसाइलें ले जा सकता है।
- ठोस ईंधन वाली, दोहरे चरण वाली, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें।
- इसमें राजेंद्र रडार 64 लक्ष्यों को ट्रैक करता है और मिसाइलों को गाइड करता है।
- इसका मुख्य नियंत्रण केंद्र रडार डेटा और मिसाइल फायरिंग का समन्वय करता है।
- इसकी पावर सप्लाई यूनिटइस सिस्टम को ऊर्जा प्रदान करती है।
इसके वेरिएंट –
- आकाश-1: सेना और वायु सेना द्वारा उपयोग किया जाने वाला मूल परिचालन संस्करण।
- आकाश एमके-II: बेहतर रेंज और सटीकता।
आकाश-एनजी (नई पीढ़ी) –
- हल्का और तेज़
- रेंज ~70 किमी तक बढ़ाई गई
- बेहतर लक्ष्य लॉकिंग के लिए सक्रिय रडार सीकर
- तेज़ गति से चलने वाले हवाई खतरों को अधिक कुशलता से रोक सकता है।
- अन्य सिस्टम की तुलना में बहुत जल्दी इनस्टॉल करके, बचाव करने में सक्षम।
- आकाश मिसाइल दुश्मन के फाइटर जेट्स, हेलिकॉप्टर्स, ड्रोन और क्रूज़ मिसाइल को 30 से 70 किलोमीटर दूर से ही नष्ट कर सकती है।
- यदि ऑपरेशन के दौरान कोई एयरबेस, सैन्य ठिकाना या संवेदनशील क्षेत्र हो, तो वहां आकाश मिसाइल तैनात करके उसे सुरक्षित रखा जा सकता है।
- आकाश सिस्टम ट्रक-माउंटेड है, जिससे इसे तेजी से किसी भी ऑपरेशन एरिया में ले जाकर तैनात किया जा सकता है।
- यह पूरी तरह भारत में बना हुआ सिस्टम है, जिससे डेटा सिक्योरिटी और निर्भरता में आत्मनिर्भरता मिलती है।
इसकी तैनाती –
- इसकी तैनाती रणनीतिक स्थानों पर होती है जैसे कि –
- वायु सेना के अड्डे
- सेना की सीमा रक्षा इकाइयाँ
- उच्च मूल्य वाली सैन्य संपत्तियाँ
- हवाई हमलों से भारतीय हवाई क्षेत्र की रक्षा के लिए उपयोग की जाती हैं।
निर्यात और वैश्विक रुचि –
- भारत “मेक इन इंडिया – डिफेंस” पहल के तहत आकाश मिसाइलों का निर्यात करता है।
- फिलीपींस, वियतनाम और आर्मेनिया जैसे देशों ने रुचि दिखाई है।
- वैश्विक हथियार निर्यातक बनने के लिए भारत के प्रयास का एक हिस्सा।
इसका महत्व –
- रक्षा बलों में शामिल होने वाला पहला भारतीय निर्मित SAM।
- विदेशी हथियारों पर निर्भरता कम करता है।
- राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा क्षमताओं को बढ़ाता है।
- सफल स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी का उदाहरण।
आकाश मिसाइल प्रणाली भारतीय विज्ञान और रक्षा की एक गौरवपूर्ण उपलब्धि है। यह न केवल हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करती है बल्कि विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी बनाने की भारत की क्षमता को भी प्रदर्शित करती है। छात्रों के रूप में, हम सीख सकते हैं कि विज्ञान और इंजीनियरिंग हमारे देश की सुरक्षा में कैसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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