अगर आपके अंदर भी यूट्यूब, ब्लॉग या सोशल मीडिया के माध्यम से वीडियो बनाकर पैसे कमाने का भूत सवार है तो आपको यह ब्लॉग अवश्य पढ़ना चाहिए। सोशल मीडिया पर आप कब अपने देश के खिलाफ जासूसी करने लगते है और ये आपको पता भी नहीं चलता, आप बस व्यूज के पीछे दौड़ते चले जाते है। आज के डिजिटल युग में यह बहुत ही आसान और खतरनाक बन गया है।
सोशल मीडिया पर लोग अकसर बिना सोचे समझे पोस्ट करते हैं –
- लोकेशन टैग्स 📍
- फोटो और वीडियो 🖼️
- टाइमिंग, रूटीन, गतिविधियां 🕒
लेकिन इससे भी ज्यादा आपको तब अधिक सावधान रहना चाहिए जब आप अपने ही देश के किसी सैनिक ठिकाने, ऑफिस, एयरपोर्ट, या बॉर्डर की स्थिति और मूवमेंट की जानकारी के साथ वीडियो बनाते है। क्युकी इन संवेदनशील क्षेत्रों की तस्वीरें या वीडियो को दुश्मन देश और आतंकवादी इस्तेमाल करते है।
हाल ही एक केस वायरल हो रहा है कि हरियाणा की एक यूट्यूबर और ट्रैवल व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है और देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। हालाँकि यह ब्लॉग किसी को अच्छा या बुरा बताने का नहीं है, यह क़ानूनी विषय है और कानून अपना कार्य कर रहा है। लेकिन हमें इस केस का उदाहरण लेकर सावधान होने की आवश्यकता है।
कौन हैं YouTuber ज्योति मल्होत्रा और क्या है Jyoti Malhotra case?
उनके चैनल का नाम: Travel With Jo है, जिनके यूट्यूब पर लगभग 3.77 लाख सब्सक्राइबर्स और इंस्टाग्राम पर 1.31 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं। ज्योति अपने ट्रैवल ब्लॉग्स और व्लॉग्स के लिए जानी जाती हैं, जिनमें उन्होंने भारत और पाकिस्तान की यात्राओं को कवर किया है।
ज्योति का केस क्यों गंभीर है?
उन्होंने पाकिस्तान जाकर High Commission Officer से मिलकर जानबूझकर जानकारी साझा की, पाकिस्तानी एजेंट्स जिसे भारत से निष्कासित किया गया था उससे एन्क्रिप्टेड ऐप्स पर लगातार संपर्क में रहीं। ऑनलाइन मीडिया सोर्सेज के अनुसार उन्होंने Sensitive कंटेंट को बिल्कुल सामान्य travel vlog की तरह पेश किया, जैसे कि भारत की सीमा, मिलिट्री मूवमेंट्स, या CPEC जैसी प्रोजेक्ट्स के बारे में जानकारी दी है। हालाँकि हमने कोई वीडियो नहीं देखा है, सिर्फ ऑनलाइन न्यूज़ को ही पढ़कर केस को थोड़ा बहुत समझा है।
कानून का कार्य –
ज्योति पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 और ऑफिसियल सीक्रेट्स एक्ट, 1923 की धाराओं 3, 4 और 5 के तहत केस दर्ज किया गया है। और मामला आर्थिक अपराध शाखा हिसार को सौंपा गया है। यह मामला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के दुरुपयोग और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर चेतावनी है। जांच एजेंसियां इस नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।
लेकिन हर Youtuber, ब्लॉगर और सोशल मीडिया पोस्ट करने वालों के लिए ये किसी बड़ी सीख से कम नहीं है। इसलिए अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल से किसी भी आर्मी के ठिकाने, ऑफिस, एयरपोर्ट, या बॉर्डर की स्थिति और मूवमेंट की जानकारी भूलकर भी शेयर न करे, और न ही किसी डिवाइस की हैकिंग, क्रैकिंग इत्यादि के बारे में बताये। और ऐसा भी न करे कि मान लो आपके क्षेत्र से आर्मी की आवाजाही हो रही, कोई वाहन इधर उधर जा रहा हो और आप उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल रहे हो। सावधान रहे।
Disclaimer – यह ब्लॉग देश के ज्यादातर न्यूज़ चैनल्स और पोर्टल्स पर प्रसारित समाचारो को देखकर लिखा गया है। यह कोई न्यूज़ नहीं है ।
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